चालाख लेकिन मूर्ख चोर
एक शहर में एक व्यापारी रहता था। उसका कारोबार बहोत बड़ा था। उसके लिए कई नौकर काम करते थे। कारोबार बड़ा होने से उसके यहाँ कई बार चोरी होती है। वह धनी व्यापारी इससे बहुत परेशान था। उसने एक बार इसकी ठान ली की वह उस चोर का पता लगाएगा। उनदिनो राजा अकबर के ज़माने में उनके दरबार के सलाहगार बीरबल चर्चा में थे। वह धनी व्यापारी बीरबल से मदद लेने के लिए राजा अकबर के दरबार में आ जाते है। क्योंकि उसे शक था कि उसके नौकरों में से एक ने उसे लूट लिया है।
उस व्यापारी की कैफियत सुनकर बीरबल ने उस चोर को पकड़ने के लिए एक चतुर योजना के बारे में सोचा और उसने उस व्यापारी के सभी नौकरों को एकसाथ बुलाया। योजना के मुताबिक़ उसने प्रत्येक सेवक को समान लम्बाई की एक छड़ी दी। बाद में उसने उनसे कहा कि अगर आप में से कोई चोर है तो, अगले दिन तक चोर की छड़ी दो इंच से बढ़ जाएगी। ऐसा कहकर बीरबल ने उन नौकरों को जाने के लिए कहा और अगली सुबह वह छड़ी लेकर दरबार में हाजिर होने के लिए कहा।
अगले दिन, बीरबल ने नौकरों को फिर से बुलाया तो उसने देखा कि एक नौकर की छड़ी दूसरों से दो इंच छोटी थी। इससे वह जान गया था कि चोर कौन है। क्योंकि उस मुर्खचोर ने अपनी छड़ी को दो इंच काटकर छोटा कर दिया था, क्योंकि उसने सोचा था कि उसने ही चोरी की है तो वह छड़ी दो इंच से बढ़ जाएगी।वह डर गया था।
इस तरह उस व्यापारी की मुश्किल हल करके उस चोर का गुनाह साबित कर दिया।
क्या कहती है यह कहानी?
एक व्यापारी जिसका बहुत बड़ा कारोबार है। उसके यहाँ हुई चोरी से परेशान है। वह उस चोर का पता लगाने के लिए राजा अकबर के मशहूर सलाहगार बीरबल की मदत लेते है।
बीरबल को चोरी का पता लगाने के लिए एक तरकीब सूझती है। वह उन सभी नौकरों को बुलाकर एक-एक छड़ी देता है और कहता है। ‘अगर आप में से कोई एक चोर है तो उसकी छड़ी कल सुबह तक दो इंच से लम्बी हो जाएगी’।
यह सुनकर असली मुर्ख चोर घबराकर अपनी छड़ी को दो इंच काट देता है। अगली सुबह सभी नोकर छड़ी लेकर हाजीर हो जाते तो बीरबल एक नोकर की छड़ी को दो इंच से छोटी पाता है। बीरबल उस चोर का गुनाह साबित कर देते है।
कहानी से सिख:
चोर कितना भी होशियार क्यों न हो सच्चाई और न्याय की हमेशा जीत होती है।