समस्या का समाधान
एक जंगल में एक शेर रहता था l उसे खाने के लिए रोज मॉस चाहिए था। वह रोज जंगल में आता और एक जानवर को पकड़ उसे खता था। सारे जानवर इस शेर से भयभीत होते थे। जंगल के जानवर अपने घर से बहार निकलने के लिए डरते थे। वे शेर से एक समझौता करना चाहा। वे शेर से बोले “ रोज तुझे खाने के लिए मॉस चाहिए तो हम रोज एक जानवर को तेरे पास भेजेंगे क्योंकि तू किसी भी तरह हमें खाने के लिए शिकार पर आ रहा है और हम उससे डरने लगे है।
हर दम हमें इसी बात की चिंता है की तू कही से किसी समय हमें खाने के लिए शिकार करने वाला है। इससे बेहतर हम तुझे रोज एक जानवर एक गधे के साथ भेजेंगे। तू उसे खा कर उस दिन के लिए हम पर वार ना करना। इससे हम दिन भर भयभीत न होंगे।” यह सुनकर शेर खुश हुआ। उसे खाने के लिए शिकार भी नहीं करना पडेगा। वह जानवरों का इस समझौते के लिए राजी हुआ। जानवर रोज एक जानवर को गधे के साथ भेजते और शेर आनंद से उस जानवर को खाने लगा। ऐसे दिन गुजरते गए।
एक दिन सारे जानवर यह सोचने लगे की उनकी संख्या काम होती जा रही है। और यह सोचने लगे शेर से कैसे छुटकारा पाया जाय। वो यह सोच एक उपाय किया। उस दिन गधे के साथ मॉस के बजाय घास को शेर के पास भेजे। शेर खाने के लिए बोरी को खोल यह देखता की वह जानवर के बजाय उसमे घास है। वह क्रोधित होकर गधे से पूछता ” खाने के लिए मेरा जानवर कहा है ? “। गधा बोलता की “उसे कुछ पता नाही। जो बाकी सारे जरवर दिए वह वही लेकर आया। “ शेर गुस्से से जंगल में जाकर बाकी जानवरों से पूछा “आप लोगों ने मुझे समझ क्या रखा है ? मुझे खाने के लिए जानवर नहीं भेजा ?।
इसका परिणाम आप लोगों पर भारी पडेगा। मैं आप सब को खा जाऊंगा। “ ऐसा वह चिल्लाया। तभी एक दम छोटे बड़े सारे शेर पर एक दम हमला कर दिया, जिसको सारे जानवरोंने मिलकर उपाय बनाये थे। वह शेर कितना भी भयंकर और बलवान होकर भी, सभी जानवर इकठे मिलकर उसे हमला करने से शेर कुछ ना कर सका। लड़ना चाहा पर लड़ नहीं पाया। और वह अपना पराजय स्वीकार किया।
ऐसा अगर सभी में मित्रता होगी तो किसी भी भयंकर या कोई भी समस्या का समाधान कर सकते है। और अब उस जंगल में सरे जानवर इकठे और मिलजुलकर रहने लगे।