उठा मेरे मन में एक सवाल
उठा मेरे मन में एक सवाल
अगर सूरज ही नहीं होता
ना कोई सवेरा होता
और ना ही विधालय जाना होता
उठा मेरे मन में एक सवाल
अगर स्कूल ही ना होता
कितना अच्छा होता तब
जब पढ़ना-लिखना ही नहीं होता
उठा मेरे मन में एक सवाल
जब कोई काम ही नहीं होता
हम बच्चों को खेलने से भी
कोई कभी नहीं रोकता