बुजुर्ग की सलाह
एक गाँव था, उस गाँव में एक लड़के की शादी हो रही थी, लड़की पड़ोस के गाँव की थी। शादी पड़ोस के गांव में होनी थी। दोनों घर शादी की तैयारियों में लगे हुए थे। नवयुवकों ने निश्चय किया कि किसी भी वृद्ध को विवाह में न ले जाएँ, ताकि विवाह में कलह और परेशानी न हो।
शादी के लिए गाड़ियाँ तैयार थीं। घर में बड़ों को छोड़कर सभी योजना के अनुसार पड़ोस के गांव में चले गए। गाँव में एक बुद्धिमान दादा थे। वे पहले पड़ोस के गांव गए और वहां के मंदिर में अलगसा वेश धारण किया और निवास किया।
रस्म के अनुसार, दूल्हे के मेहमान लड़की के घर आए। उनकी बेटी के घर के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। लड़की की तरफ के पुरुषों ने देखा कि कोई भी मेहमान बुजुर्ग नहीं था। यह बात उन्हें अच्छी नहीं लगी। तो अब दूल्हे के लोगों का मज़ाक उड़ाने के लिए लड़की के पिता ने दूल्हे के लोगों से कहा, “लड़की देने से पहले, दूल्हे के आदमी को एक कुआँ भरना चाहिए और हमें तेल देना चाहिए।”
यह सुनकर दूल्हा बहुत हैरान हुआ। पिताजी! अब मैं इतना तेल कहाँ से लाऊँ? सब आपस में बातें करने लगे। दूल्हे समेत इसपर सभी ने सोचा लेकिन किसी को जवाब नहीं मिला। क्या करें! अगर आप शादी तोड़ना चाहते हैं, तो जब हम गांव वापस जाएंगे, तो सभी की बदनामी होगी! सबके मुँह उतर गए। किसने सोचा होगा कि आप इतने कठोर होंगे। अपने साथ बड़े बुज़ुर्ग आदमी लेकर आते तो बेहतर होता!
उनके गांव के दादाजी वहां आए थे। उसने पूछा, “क्यों, बाबा, तुम सब शादी के हॉल में मुंह लटकाकर क्यों बैठे हो?” तब उनमें से एक ने कहा, सब कहानी उन्हें बताई।
मैं आपसे क्या कह सकता हूं? इस समय दुल्हन को सबसे अच्छा दिखना पड़ता है। शादी रस्म धूमधाम से होनी चाहीए। मगर यह क्या माँग रखी आपने? इतना तेल कहाँ से लाएंगे। अगर शादी टूट जाती है, तो गांव के लोग लौटने पर उनको भलाबुरा कहेंगे, यह ठीक नहीं है!
दादाजी ने पूछा, “क्या आपके पास सलाह देने के लिए कोई महान व्यक्ति नहीं है?”
“नहीं, लेकिन आप मुझे बता सकते है, बताईए क्या बात है।”
लड़की वालों की ओर से एक ने कहा।
“अच्छा! जैसा कि मैं आपको सलाह देता हूं, यह सलाह लड़की के पिता के पास पहुँचा दो।
….और उन्होंने कहा, उनसे कहो, हमारा तेल का कुआं भरने के लिए तैयार है। अपना पानी का कुँआ अच्छी तरह से सुखाकर तैयार रखें।
लड़कीवाले इस बात से अचंबित रहे, और शादी की तैयारी करने लगे।
कहानी से सीख:
कुछ पाने के लिए, कुछ खोना पड़ता है! बुजुर्गों का कहना मानो। उन्हें उचित मान-सम्मान दे। उनके जीवन का अनुभव आपका मार्गदर्शन करेगा। अपने हर मुश्किल समय और प्रसंगों में उनका सहयोग ले, सह्योग दे, तो हर मुश्किलें होंगी आसान।