एक ही समस्या से पीड़ित दो मेंढक, लेकिन
एक बार मेंढकों का एक झुण्ड पानी की तलाश में जंगल में घूम रहा था। अचानक, समूह में से दो मेंढक गलती से एक गहरे गड्ढे में गिर गए। बाकी के मेंढक गड्ढे में गिरे अपने दोस्तों के लिए चिंतित थे। गड्ढा इतना गहरा था की, यह देखकर उन्होंने दो मेंढकों से कहा कि, इस गहरे गड्ढे से अब बचने का कोई रास्ता नहीं है और कोशिश करने का कोई मतलब भी नहीं है। वे लगातार उन्हें प्रेरित करते रहे थे, क्योंकि दो मेंढक गड्ढे से बाहर कूदने की जी जान से कोशिश कर रहे थे। लेकिन फिर पीछे हटते थे।
जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढक से यह कहा कि, वे अब कभी भी इस गड्ढे से नहीं बच पाएंगे और अंततः हार मान लेने के बाद उनकी मृत्यु हो जाएगी। लेकिन, दूसरा मेंढक हरबार कोशिश करता रहता है और आखिर में वह इतनी ऊंची छलांग लगाता है कि, वह उस गड्ढे से बचकर बाहर निकलता है। झुण्ड के अन्य मेंढक इस पर चौंक गए और आश्चर्य किया कि उसने यह कैसे किया।
दरअसल बात सिर्फ यह थी कि, दूसरा मेंढक बहरा था और वह समूह का हतोत्साह नहीं सून सकता था। उसने बस सोचा कि, वे उसे प्रेरित कर रहे थे!
क्या कहती है यह कहानी !
मेंढको का एक झुण्ड पानी के तलाश में था। लेकिन, घूमते-घूमते झुण्ड में से दो मेंढक एक गहरे गड्डे में गिर पडते है। अन्य मेंढक उन दोनों के लिए चिंतित होते है। उन्होंने सभी रास्ते और तरकीबे सोची लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन मेंढक में से दूसरा मेंढक बार-बार कोशिश करता है, और अंतत: वह बचकर बाहर निकलता है। बाकी के सभी मेंढक यह देखकर हैरान जाते है। सब मेंढक चौक जाते है की, आखिर उस मेंढक ने यह कैसे किया।
एक मेंढक सबको यह बताता है की, वह मेंढक बहिरा है। वह हमारा आक्रोश और हतोत्साह सून न सका और अपना प्रयास करता रहा।
कहानी से सिख :
यह कहानी यह बात दर्शाती है की, अपने लक्ष्य को पाने के लिए कुछ तरकीबे काम आ सकती है, जिससे आप अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित कर सकते है।
आपके बारे में लोगों की राय आपको प्रभावित कर सकती है, अगर आप ऐसा मानते हैं। इस स्थिति में अपने आप पर विश्वास करना ही बेहतर है।