दिवाली शुभकामनाये

Diwali Photo by Udayaditya Barua from Pexels
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अंधकार विस्मित रह जाता

दीपशिखा जब जलती है,

रजनी-पट पर कनक-नटी सी

राज नृत्य जो करती है।

भर देती है तमस-तूलिका

स्वर्णिम आभामंडल में,

जगमग हो जाता जग सारा

जिसके प्रज्ञा अंचल में,

खो जाता अज्ञान अहम् का

हम-तुम सब मिल जाते हैं,

दृष्टि-सृष्टि निर्मल हो जाती

नवचेतना निखरती है,

अंधकार विस्मित रह जाता

दीपशिखा जब जलती है।

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