समस्याओं का हल – आलू, अंडा और कॉफी बीन्स
विरेश नाम का एक लड़का परेशान था। उसके पिता ने उसे रोते हुए पाया। जब उनके पिता ने विरेश से पूछा कि वह क्यों रो रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि, इनदिनो उनके जीवन में बहुत सारी समस्याएं है।
उसके पिता बस मुस्कुराए और उसे एक आलू, एक अंडा और कुछ कॉफी बीन्स लाने को कहते है। उसने उन्हेंअलग-अलग तीन कटोरे में रखा। फिर उन्होंने विरेश से उनकी बनावट को महसूस करने के लिए कहा और फिर प्रत्येक कटोरी में पानी भर दिया। विरेश ने वैसा ही किया जैसा उसे बताया गया। उसके बाद उसके पिता ने तीनों कटोरे उबाले। एक बार जब कटोरे ठंडे हो गए, तो विरेश के पिता ने उन्हें अलग-अलग खाद्य पदार्थों की बनावट को फिर से महसूस करने के लिए कहा।
विरेश ने देखा कि आलू नरम हो गया था और उसकी त्वचा आसानी से छिल रही थी; अंडा सख्त और सख्त हो गया था; कॉफी बीन्स पूरी तरह से बदल गई थी और पानी से भरे कटोरे को उसकी सुगंध और स्वाद से भर दिया था। पिता ने कहाँ, इसी तरह हमें जीवन की कुछ समस्याएं नरमी से, कुछ सख्ती से तो कुछ खासियत से सुलझानी पड़ती है।
क्या कहती है यह कहानी!
अर्थ और बोध
कहानी का पात्र विरेश नाम का एक लड़का है। जीवन की कुछ परेशानी के वजह से वह रो रहा था। पिता ने वजह पूछने पर वह जीवन की कुछ समस्या बयांन करता है। पिता उस समस्या ओ का समाधान करने के लिए एक तरीका प्रयोग के साथ समझाते है। वह लड़का यह बात समझ जाता है।
कहानी से सिख :-
समस्या तो अपने जीवन में आती रहती है, मगर उन समस्याओ पे रोते बैठने के बजाय उन समस्याओ को समझकर उन समस्याओ का हल निकालकर उन्हें सुलझाना ही बेहतर तरीका है।
जीवन में हमेशा समस्याएं और दबाव होंगे, जैसे यह कहानी में उबलता पानी। लेकिन, इन समस्याओं पर आप किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं या प्रतिक्रिया करते है वह सबसे अधिक मायने रखती है! यही है अपनी हर समस्या का हल।