सफल प्रयास
दो मेढ़क एक गाँव में रहते थे| दोनों काफी अच्छे दोस्त थे| उन दोनों की दोस्ती को देखकर उस गाँव के बाकी मेढ़क को अक्सर जलन होती थी| उस गाँव मे एक बड़ा सा तालाब था| तालाब काफी गहरी थी | एक दिन दोनों दोस्त बात- चित करते करते उस तालाब के पास तक पहुँच गए और गलती से उस तालाब मे जा गिरे|
उस गाँव के बाकी मेढ़क भी दोनों दोस्त की गिरने की खबर सुनकर बहुत खुश हुए और तालाब के किनारे पहुँच गए| तब तक वो दोनों दोस्त तालाब से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे| तालाब से निकलने की लिए लगातार वो उछलते लेकिन बार- बार असफल हो जा रहे थे| तभी बाहर खड़े मेढकों ने उनसे कहा कि तालाब बहुत गहरी है तुम दोनों नही निकल पाओगे|
तुम दोनों इसमें से निकलने की उम्मीद छोड़ दो| ये बातें शायद वो दोनों मेढक के कान तक नहीं गयी थी और वो लगातार बाहर आने की कोशिश कर रहे थे| बाहर खड़े मेंढक लगातार कहते रहे ‘ तुम दोनों बेकार में मेहनत कर रहे हो, तुम्हें हार मान लेनी चाहियें,तुम नहीं निकल सकते| इसी बीच एक मेढ़क ने बातें सुन ली और वो थक कर उसी तालाब मे एक कोना मे बैठ गया|
उसने अपनी हार मान ली लेकिन दूसरे मेंढक ने प्रयास जारी रखा, वो उछलता रहा जितना वो उछल सकता था| बाहर खड़े सभी मेंढक लगातार कह रहे थे कि तुम्हें हार मान लेनी चाहियें पर वो मेंढक शायद उनकी बात नहीं सुन पा रहा था और उछलता रहा और काफी कोशिशों के बाद वो बाहर आ गया|
अपने दोस्त के होसले को देखकर दूसरे दोस्त ने भी बाहर निकलने की हिम्मत जुटाई और वो भी बहार आ गये और अपने दोस्त से शुक्रिया कहा| तभी मेंढकों ने कहा ‘क्या तुमने हमारी बात नहीं सुनी| उस मेंढक ने बताया की वो उनकी बात सुन तो रहा था लेकिन उसने हार न मानने की ठान ली थी ,इसलिए वो किसी की भी बात नहीं सुन पाया|
वो तो यह सोच रहा था कि सभी उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं| और दोनों दोस्त खुशी- खुशी घर लौट गए|इसलिए हमारे जीवन मे कितनी भी कठिनाएँ क्यु न आए हमे किसी भी परिस्थित में हार नहीं मानना चाहिए|
लोग चाहें जो भी कहें हमे खुद पर पूरा विश्वाश और सकरात्मक होना चाहिए|
कड़ी मेहनत, अपने ऊपर विश्वाश और सकारात्मक सोच से ही हमें सफलता मिलती है|