एक समय की बात है, अनाजों के गोदाम के पास चूहों का एक बड़ा सा झुंड रहता था। वे सभी बड़े ही शरारती थे। और हर दिन गोदाम में उत्पात मचाया करते थे। चूँकि गोदाम के मालिक का इस कारण काफी नुकसान हो जाता था।इसी कारण उसने चूहों को पकड़ने के लिए जगह जगह पिंजड़े रख दिए।
रात होने पर चुहें रोजाना की भांति गोदाम के अंदर उत्पात मचाने पहुंच गए थे। वे अनाज कि बोडियों को काट रहे थे कि दो शरारती चूहें की नजर पिंजड़े में रखे रोटी की टुकड़े पर पड़ी। दोनों चूहें जैसे ही पिंजड़े में फंसे रोटी की टुकड़े को खाने की कोशिश की कि अचानक से पिंजड़े का दरवाजा बंद हो गया और दोनों चूहें उसी में फंस गए।
दोनों को फंसे देख सारे चूहें वहां इकट्ठे हो गए। दोनों ने काफी कोशिश की बाहर निकलने की अपरन्तु उनकी कोशिश तनिक भी कामयाब नहीं हुई। उनको ऐसे देख सारे चूहें उन्हें हार मान जाने को कहते हैं। परन्तु उन सबकी बातों को दरकिनार करते हुए दोनों फिरसे बाहर निकलने की कोशिश करने लगते हैं।
अपने कोशिश को नाकामयाब होते देख और बाकी सारे चूहों की बातों से निराश होकर, उनमें से एक चूहा हार मान लेता है और वहीं पर अपने प्राण त्याग देता। जबकि दूसरा चूहा इन सब बातों पर ध्यान ना देते हुए फिर से बाहर निकलने कि कोशिश करने लगता है। काफी मेहनत मसक्कत के बाद दूसरा चूहा पिंजड़े को तोड बाहर निकलने में कामयाब हो जाता है।
सभी दूसरे चूहें उसे देखकर दंग हो जाते हैं और पूछते हैं कि तुम वहां से निकलने में कामयाब कैसे हुए? इसका जवाब देते हुए चूहे ने कहा कि मैंने आप सभी कि नकारात्मक बातों को दरकिनार किया और ऐसा सोचा कि आप सभी मिलकर मुझे प्रोत्साहित करे रहे हैं। जिस कारण मैंने दोगुना जोड़ लगाया और बाहर निकलने में कामयाब हुआ।
सीख – लोगों की बातों का हमारे जीवन में काफी गहरा प्रभाव पड़ता है, परन्तु यह हमपर निर्भर करता है कि हम उस किस तरह अपने ऊपर लेते हैं।