दुनिया में शायद ही कोई ऐसा आदमी होगा जिसे मुस्कराते हुए चेहरे पसंद न आते हों ।मुस्कराता हुआ मुखमंडल तो हर किसी के मन में घर कर जाता है ।एक हल्की- सी मुस्कान दिल में प्रेम के बीज बोने के लिए काफ़ी होती है । कवियों या शायरों की नज़र में मुस्कान चेहरे का अनूठा आभूषण है । यह व्यक्तित्व में तो चार चाँद लगाती ही है ,साथ ही मन में फुल्लता के पुष्प भी खिलाती है।
सामान्यतः लोग मुस्कान को चेहरे का साधारण- सा भाव मान कर बिसरा देते हैं , पर ऐसा है नहीं । यह हमारे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का सबसे बेहतरीन टाॅनिक है । जो मुस्कान का फूल हमारे चेहरे पर खिलता है उसकी सुगन्ध भीतर तक जाकर हमारे मन – मस्तिष्क को खुशनुमा बना देती है । चेहरे पर उभरी उदासी की लकीरें तो मिटती ही हैं, साथ ही हमारे भीतर जमी तनाव की परतें भी हट जाती हैं । मुस्कान को तनाव के उन्मूलन की औषधि की संज्ञा भी दी जाती है । हम अक्सर देखते हैं कि वैद्य – चिकित्सक अर्थात डाक्टर आदि लोगों को खुद को खुश को रखने की सलाह दिया करते हैं ।
अगर बात चिकित्सा विज्ञान की करें तो वह भी ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करता है जिनसे मुस्कान के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सकारात्मक या लाभकारी प्रभावों पर पक्की मुहर लग जाती है । डाक्टरों के अनुसार जब हम मुसकुराते हैं तो हमारे रक्त में कई महत्वपूर्ण रसायनों जैसे कि डोपामाइन ,एंडोर्फिन, सेरोटोनिन आदि का स्राव होता है । ये रसायन हमारे शरीर को तो आराम या राहत देते ही हैं, साथ ही रक्त चाप तथा दिल की धड़कनों की गति को भी सामान्य बनाने का काम करते हैं ।
डोपामाइन हमारे दिमाग को शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रण में रखने की ताकत देता है ।इसकी कमी से हमारा शरीर कई तरह की समस्याओं का शिकार बन सकता है जैसे मांसपेशियों का कड़ापन, कंपकंपी, चलने के ढंग या ठीक से बोल न पाना आदि ।सेरोटोनिन भी शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ।यह हमें खुश या प्रसन्न बनाए रखने का काम करता है । इसीलिए चिकित्सा विज्ञान वाले इसे ‘खुश बनाने का रसायन ‘ कहते हैं । इसकी कमी के कारण भूख, यादाश्त आदि में भी दिक्कत आ जाती है ।
एंडोर्फिन हार्मोन का भी हमारे शरीर के लिए विशेष महत्व है ।यह हमें दृढ़ निश्चयी बनने में मदद करता है । मूड को खुशनुमा बनाने, शारीरिक दर्द से छुटकारा दिलाने, ज्ञान बढाने में भी योग देता है ।
मुस्कान का हमारे लिए एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह हमारे विचारों को सकारात्मक बनाती है । विचारों के सकारात्मक होने से मस्तिष्क में शांति या शिथिलता आती है एवं मानसिक तनाव से राहत मिलती है । व्यवहारिक तौर पर मुस्कान हमें बहिर्मुखी और ज्ञानवान बनाने का काम करती है । अब तक आप समझ ही गए होंगे कि सिर्फ मुस्कराने की आदत डाल कर हम अपने शरीर को बेहतर सेहत का तोहफा कैसे दे सकते हैं । तो आइए अभी से सदा मुस्कराते रहने का संकल्प लें ।