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जन्म दिन है मेरा माँ तो, मुझको ज़रा सजा दो ना,
अब तक ना पहनी हो, मुझको ऐसी फ्रॉक बना दो ना।
आसमान सा रंग हो जिसका , जड़े हों कई सितारे,
चन्दा सा इक बॉब लगा दो, जिसको देखें सारे।
बाहों का रंग बादल जैसा , मटमैला और सादा,
आधी उसमे रुई भरी हो, और हो पानी आधा।
इंद्रधनुष का पैच वर्क हो, इन बाहों के नीचे,
दंग करे इस दुनिया को, जब हाथ करुं मैं पीछे।
और किनारा करना उसका , सागर के रंग जैसा,
बीच बीच में हरा रंग हो , वन उपवन के जैसा।
सूरज का मेकअप करना माँ ! तुम मेरे चेहरे पर,
हेयर बैंड सुनहरा रखना, मेरे सर के ऊपर।
रूप अनोखा ले इतराऊं , मुझको आज सजा दो माँ !
मेरे जैसा ना हो कोई , मुझको प्रकृति बना दो माँ !