बहुत पुराने समय की बात है, किसी गांँव में राजू नाम का एक लड़का रहता था।वो स्वभाव से काफी आलसी था। अपने काम को पूरा करने के लिए वो हमेशा आसान तरीका ढ़ूँढ़ता रहता था। वह बस यही सोचता था कि कैसे वो बस बैठे रहे और उसका सारा काम अपने आप होते रहें। एक दिन सड़क किनारे काम करते करते उसे बहुत जोड़ की भूख लगी। चुकी वह बहुत आलसी था इसलिए अपने पेट भरने का वो आसान तरीका ढूँढ़ने लगा। कुछ दूर इधर – उधर भटकने के बाद उसे फल से लदा हुआ एक पेड़ दिखा।
कुछ देर ध्यान से देखने के बाद उसने पाया कि उस बगीचे का मालिक बगीचे के आसपास नहीं है। मौका पाते ही राजू बगीचे में घुस गया।जैसे ही वो पेड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था कि उसने देखा कि बगीचे का मालिक दूर से डंडा लिए आ रहा है।किसी तरह अपनी जान बचाते हुए वो वहाँ से भागा। कुछ दूर भागते -भागते जब वो रुका तो उसने देखा कि एक बैल काफी लाचार हालत में एक किसान के यहांँ बांधा हुआ था। वह काफी बूढ़ा हो चुका था और चलने-फिरने के हालत में बिल्कुल भी नहीं था। उसने मन ही मन सोचा कि ऐसे बैल का एक किसान के घर में क्या काम?यह तो खेती के काम भी नहीं आ सकता। वह यह सोच ही रहा था कि उसने देखा कि घर से किसान उस बैल के लिए चारा लेकर आ रहा है।यह सब देखकर वो अचंभित हो गया।
वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि भगवान जो हम सबका मालिक है वह हमारे लिए कुछ ना कुछ सोच रखा है।जिसने हमें बनाया है वहीं हमारे सारे जरूरतों की देखभाल भी करता है। यह सब नज़ारा देखने के बाद वो वहाँ से चला गया और एक जगह सड़क किनारे जाकर बैठ गया कि कोई भगवान का मसीहा वहाँ आएगा और उसे खाने को कुछ देगा। इंतज़ार करते-करते कब दो दिन बीत गए उसे पता ही ना चला। उसकी सब्र की बांध टूट चुकी थी।अब वह निराश होकर घर की तरफ चल पड़ा।
कुछ दूर चलने उपरांत उसे एक ज्ञानी बाबा मिले।उनके ज्ञान की चर्चा आसपास के गांँवों में थी।राजू ने उनसे अपने साथ बीती सारी घटना सुनाई। ज्ञानी ने उसे पूरे पेट भोजन खिलाया। भोजन खाने के बाद राजू ने ज्ञानी से पूछा – ईश्वर ने उस लाचार बैल पर दया दिखाया , परन्तु उन्होंनें ने मुझपर दया-दृष्टि क्यों नहीं दिखाया?
बूढ़े ज्ञानी ने राजू को समझाते हुए कहा कि – यह सत्य है कि भगवान हम सब के लिए कुछ अच्छा सोचता है और अवश्य उन्होंने तुम्हारे लिए भी कुछ अच्छा सोचा होगा।परन्तु बेटे, तुमने उनकी इशारों को गलत तरीके से लिया है। ईश्वर तुम्हें एक किसान की तरह मजबूत और खुद के बल बूते पर खुद का और दूसरों का भी पेट भरने वाला बनते देखना चाहते हैं ना कि एक लाचार और बेबस बैल की तरह दूसरों पर रहने वाला। उनकी बातें सुनकर राजू की आंँखें खुल गई। तबसे वह खूब मन लगाकर मेहनत करने लगा।
सीख – अगर भगवान ने हमें कुछ ताकतें दी है तो हमें उन ताकतों के अनुसार काम करना चाहिए। हमें सदा अपने आप को ताकतवर की तरह देखना चाहिए ना कि हमें अपने आप को बेबस और लाचार की तरह देखना चाहिए ।